मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh)
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नमस्कार
आज हम इस लेख में मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh) पर बात करेंगे, हम उस माँ के बारे में बात करेंगे जिसके शरीर से हमारे शरीर का सृजन हुआ है, उस माँ के बारे में बात करेंगे जिसके खून से हमारे शरीर की बनावट हुई है। इस दुनिया में बिना स्वार्थ का रिश्ता सिर्फ मां ही निभा सकती है, मां के बिना हमारे संस्कार अधूरे है, इन सब बातो को जानने के लिए आज हम “मातृ दिवस पर निबंध” (mother’s day par nibandh) लिखने जा रहे है। जो आगामी परीक्षा में भी काम जरूर आएगा।
प्रस्तावना
मातृ दिवस(mother’s day) यानी मां का दिन, यह हमारे भारत में मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, इस साल 9 मई 2021 को मातृ दिवस है। यह दिन सिर्फ हमारी जननी मां के समान में अर्पित है। मां एक भगवान का रूप होती जिसे बच्चे का दुख दर्द बताने कि जरुरत नहीं होती वो महशूस कर लेती है,मां अपने बच्चे की रक्षक होती हैं। भगवान ने प्रत्येक जीव को मां जरूर दी है। एक बच्चे के लिए मां एक भगवान का स्वरूप होती है। तो चलिए जानते हैं मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh)
मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh)
मां
जब एक शिशु मां की गर्भ में सृजित होता है तब से मां का लगवा उस अनजान चेहरे से हो जाता है। उसके शिशु को इस संसार में लाने के लिए वो मां पहले से त्यारिया शुरू कर देती है ओर बहुत बेचैन रहती है। जब शिशु 9 महीने कोख में रहने के बाद जब इस संसार में आता तो मां को असहनीय दर्द का भी सामना करना पड़ता है, ओर उसके बाद मां ओर शिशु का प्रेम अद्भुत होता है। जो किसी ओर में हो ही नहीं सकता। देवता भी कहते है कि मां से ऊपर कोई भगवान नहीं होता कोई तीर्थ नहीं होता। इसलिए प्रत्येक आदमी के जीवन में(mother’s day) मदर्स डे बहुत ही स्पेशल होता है
मातृ दिवस पर निबंध mother’s day par nibandh
मातृ दिवस (mother’s day) इसी मां पुत्र के निस्वार्थ प्रेम को जीवित रखने के लिए बनाया गया है। इस दिन बच्चो का कर्तव्य होता मां के लिए कुछ स्पेस्ल करने का। मां को खुश रखने का,। इस दिन ही क्या हमेशा अपनी मां को कभी उदास नहीं होने देना चाहिए, उनकी हर बात का पालन करना चाहिए। उनका सम्मान जीवन भर करना चाहिए। मां अपने पुत्र को कभी भूल नहीं सकती उसका त्याग नहीं कर सकती क्यूंकि उस पुत्र का शरीर मां के खून से बना है। मां से बढ़कर कोई त्याग नहीं कर सकता। मां एक शिशु को जन्म देने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगाती है। अपना सुन्दर शरीर अपना यौवन सब का त्याग करके एक बच्चे को जन्म देती ।
मां ओर पुत्र के बीच स्नेह ( mother’s day)
मां ओर पुत्र का स्नेह अद्भुत होता है। मां अपने बच्चे को अंधा प्रेम करती है क्यूंकि जब मां के पेट होता है शिशु की बनावट होती तब से लेकर संसार में आने तक 9 महीने तक एक ऐसा लगाव हो जाता है जो अटूट होता है। मां अन्तर्यामी होती हैं उसको बताने कि जरुरत नहीं होती को मेरा बच्चा भूखा ह या बचा बीमार है या कोई और तकलीफ है मां अपने आप भांप लेती है बचे का दुख दर्द,मां एक बच्चे की रक्षक होती है दुनिया की सारी मुश्किल आप ले लेती है पर अपने बच्चे पर आंच नहीं आने देती।। Happy mother’s day
हमारी अस्तित्व मां के बिना नहीं होता। मां के जन्म देने से ही एक बच्चा इस संसार में आता है। बच्चा अपने जीवन में किस तरह का स्वभाव से रहेगा ये संस्कार मां से मिलते है। मां से मिले संस्कार एक बच्चे को जीवन भर काम आते है। mother’s day par nibandh
एक बच्चा जब किशोर अवस्था में जाता है तो उसके बात करने का लहजा, छोटे ओर बड़े का समान, चरित्र जब देखते हो तो जरूर सोचने पर मजबुर कर देता हर किसी को को ये मां के संस्कार से बना हुआ है। मां की बदौलत ही हम एक अच्छा इंसान बन पाते है। एक मां अपने बच्चे को जीवन में खुश ओर एक अच्छा इंसान बनाना चाहती हैं।
इसीलिए मातृ दिवस मनाना ओर जरूरी हो जाता है। अपने मां के प्रति लगाव स्नेह ओर सम्मान के लिए पूरे साल तो नहीं पर मातृ दिवस पर पूर्ण समर्पित होकर इस दिन को धूम धाम से मना सकते है।
मातृ दिवस पर निबंध mother’s day par nibandh
मां के बिना जीवन अधूरा है उस जीवन में उम्मीद नहीं होती , बच्चा अपने जीवन का पहला शब्द माँ से शुरू करता है। इस शब्द में भगवान का वास होता है
मातृ दिवस |
दुनिया में मनुष्य ही नहीं कोई भी जीव हो माँ अपने बच्चे के लिए बड़े से बड़े दुस्मन से भिड़ जाती है। जब बचे पर आंच आती है तो सबसे पहले माँ आती है। बच्चा जीवन में कभी गलती करती है तो उसको चार कान के नीचे भी लगाती है इसलिए जीवन का पहला गुरु भी माँ ही होती है
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मातृ दिवस(mother’s day) की शुरुवात कब ओर कहां से हुई
मातृ दिवस की शुरुवात कब हुई इस पर कोई प्रमाण तो नहीं है सभी विद्वानों की अलग अलग राय है । ओर प्रत्येक देश में अलग अलग दिन मातृ दिवस मनाया जाता है लेकिन भारत में साल के मई महिने के दूसरे रविवार का दिन ही मातृ दिवस है।
mother’s day par nibandh
कहा जाता है कि मातृ दिवस की शुरुवात अमेरिका में 1912 में शुरुवात हुई थी। अमेरिका में एना जार्विस नाम की एक लड़की थी जो अपनी मां से बेहद प्यार करती थी ओर उसने अपनी मां के लिए शादी भी नहीं कि। जब मां को मौत हो गई तो उसने मां की याद में इस दिन की शुरुवात की थी। ओर धीरे धीरे ये परम्परा आगे बढ़ती गई
कुछ विद्वानों का कहना है कि मातृ दिवस की शुरुवात ग्रीस देश से हुई थी। ग्रीस में स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं वो अपनी मां के समान में इस दिन को मनाने लग गए। ओर धीरे धीरे इस दिन को त्योहार के रूप में मनाने लगे
मातृ दिवस(mother’s day) केसे मनाए ? अपनी मां के लिए कुछ स्पेसल
मातृ दिवस पर अपनी मां के लिए कुछ करना चाहते हैं, वैसे तो अपनी मां को समानित करने लिए आप रोजाना प्यार करे उस दुखी ना होने दे। लेकिन मातृ दिवस (mother’s day) एक बहुत खास दिन होता है उस दिन आप अपनी मां को अहसास करवा सकते हो कि मां ओर पुत्र का कितना प्यार होता है।
मातृ दिवस (mother’s day) आप मां को कुछ उपहार से सकते हो, मां के लिए खाना बना सकते, घर के काम में मां की मदद कर सकते हो, इस मां को कहीं घुमाने के लिए यात्रा पर ले जा सकते हो जो जगह मां को पसंद हो। जरूरी नहीं है कि आप कोई महंगा गिफ्ट दो जरूरी ये है कि आप मां के लिए क्या सोच सकते हो, मां को खुशी पैसे से नहीं अपनापन से होगी।
मातृ दिवस (mother’s day) पर आप अगर कुछ ज्यादा नहीं सोच सकते तो मां की जरूरत या उनकी पसंद की चीजों के बारे में जरूर विचार करना। जेसे यदि मां को बगीचा पसंद है तो इस दिन कोई बीज का पैकेट या एक ऐसा पोधा खरीदे जो अपने बगीचे में लगा सके ओर वह पोधा मातृ दिवस की याद बना जाए। ये आप उपहार के तौर पर दे सकते हो,
अपनी मां की पुरानी यादें आप ताजा कर सकते हो जिससे मां बहुत खुश होगी। जेसे पुरानी फोटो को फ्रेम में त्यार करके उसके साथ फोटो से जुड़ी जानकारी का नोट लिखकर गिफ्ट में पेक कर लेना। ओर अपनी को भेंट देना इस देखकर अपनी मां बहुत खुश होगी। ओर बाद ने अपनी मां कि तारीफ जरूर करना की मेरी जिंदगी में आपका कितना महत्व। मेरा जीवन आप की वज़ह से साकार हुआ है
अगर आप मातृ दिवस (mother’s day) पर कहीं दूर हो ओर आप मां के पास आ नहीं सकते तो आप मां के लिए गिफ्ट जरूर भेजें या आप ओर अपनी मां की यादों को नोट पर लिखकर अपने हाथ से मां के पास जरूर भेजे ओर इसके साथ ही आप एक वीडियो बनाए जिसमे अपनी मां के साथ बिताए हुए पल का वर्णन करे। जब ये वीडियो मां देखेगी तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा । आप ऐसा जरूर करे । तो आप मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh) जान गए होगे
निष्कर्ष
दोस्तो मां से बढ़कर कुछ नहीं उससे जितना हो सके प्रेम करो। क्यूंकि जिनके मां नहीं है उससे पूछना कि मां नहीं होने का क्या अहसास होता है। जिन बच्चो कि मां बचपन में गुजर जाती है। उनका हाल आप नहीं जान पाओगे ।वो नहीं जानते की मां का प्रेम क्या होता लेकिन वो जीवन भर मां के प्रेम को तरसते रहते है। मां को कभी दुखी मत करना वो थोड़े की मेहमान है उसके बाद इस दुनिया को अलविदा कह देगी तब आप रोवोगे। इससे अच्छा जितना प्रेम करना है उससे ज्यादा अपनी जननी से स्नेह रखो ओर उनको खुश रखने का प्रयास करो।
प्रिय पाठकों उम्मीद करता हूं मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh) पढ़कर आपको अच्छा लगा हो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट करके जरूर बताना और अपने सभी मित्रों को साथ में जरूर शेयर
मातृ दिवस पर विचार(mother’s day par nibandh)
दुनिया की महान हस्तियों ने मां पर लिखी कुछ लाइन आपके साथ साझा कर रहा हूं।
•जो भी मैं हूँ, या होने की उम्मीद है, मैं उसके लिए अपने प्यारी माँ का कर्जदार हूँ।==Abraham Lincoln
•ममता: ही प्यार की शुरुवात और अंत है।
•Robert Browning
•
•जब एक बच्चे का जन्म होता है तो एक माँ का दुबोरा जन्म भी होता है।
Gilbert Parker
दोस्तो उम्मीद है मेरे द्वारा लिखा गया लेख मातृ दिवस पर निबंध (mother’s day par nibandh) आपको पसंद आया होगा। इस पोस्ट को लिखते हुए मै भी भावुक हो गया तो गलती हुई है तो माफ करना ओर अपने बच्चो को मां की मोजुदगी का अहसास जरूर करवाना ओर मेरी पोस्ट पर कमेंट करके जरूर बताना।
धन्यवद्
मातृ दिवस पर निबंध
Happy mother’s day